कल का सूरज 01

कुछ देखा तो सोचा लिखना शुरू करू,
चलो शुरू से शुरू करते हैं. ....... 
कितना अजीब है  का लोगों के लिए बुरा सोचना उसे दिक्कत होना
तीन दिन हो आग हैं गोवा में,
सच कहु टी सुकून नहीं है 

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