han mai zinda hu

क्या हूँ मई इससे क्या आरक पड़ता है
मई खुश नहीं बस अपन आप से 
इससे किसी को फर्क नहीं पड़ता है 
शायद ऐसा नहीं है की कि किसी को न पड़ता हो 
पर है ऐसा की जिनको पड़ता है वो सोचते हाँ,
और तो और वो कोई भी हो सकता है. 
हाँ मै लोग सोचते हैं और मैं उनमे से हु  जी सोचते हैं 
बुरा नहीं हु अंदर से पर अजीब हो गया हु 
वो सब कुछ अजीब कुछ अजीब सा लता है 
भटका नहीं ु मै पर बिहार गया हु,
और हाँ ये भी सही है की भटकना और बिखरना एक साथ नहीं पर 
ऐसा है की मेरे साथ और मेरी ज़िन्दगी में सीसा ही है तुम सोचोगे और बस सोचोगे 

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